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Wednesday 26 April 2017

लेस्बियन्स

                                                                     


कोमलांगी सुरमई शाम को
कामुक सलेटी रात ने
अंक में भरना
चाहा ही था
कि दोनों का सखा
गोरा-चिट्टा चाँद
मुस्कुरा उठा
और शरारत से बोला
लो मैं गया
तुम दोनों को
ख़ुश  करने के लिए.

जल कर काली हुई रात
फुंकार कर बोली
हम हैं मुक्त
किसी की अधीन नहीं
ख़ुद अपने में पूर्ण
हमें तुम्हारी ज़रूरत नहीं..

फिर  उसने अपने
जलते हुए होंठ
क़मसिन शाम के
प्यासे होठों पर रख दिए :
'छुन्न' का शब्द हुआ
और आहत चाँद कुएँ  में जा गिरा!
                                                           
Both images from Google



Monday 17 April 2017

उम्मीद

                                                           
Image from Google

उम्र अड़सठ  वर्ष
ख़ुद की मोटी पेन्शन भी,
उसके कमाऊ बेटों ने
उसे पेसमेकर लगवाया
दस साल चलने वाला
पच्चीस  साल वाला  नहीं,
जाने क्या सोच कर..
पैसों की तो कोई
कमी    थी!

Sunday 9 April 2017

नज़ारा..

                                         
Image from Google
                                   
हँसता हुआ गधा
दिख जाता है मुझे अक्सर
प्राधिकरण के दफ़्तर में
कचहरी में, सरकारी गलियारों में..

लदड़-फ़दड़ कछुआ
फाइलों का बोझ ढोता
मालिकों-अधिकारियों के
जूते खाता ; चलता जाता.

निढाल हिरन उदास
सूखी-पीली घास के पास
चतुर लोमड़ सलाम बजाता
ख़ूनी भेड़िया आँखें झपकाता

साँडों, भैंसों के रेवड़
कीचड़ में धँसे
निकलने की कोशिशों में
और फँसे और फँसे

इन सब से उदासीन
अँधेरे में पड़ा ख़ामोश
अजगर एक साँस खींचता
पल भर में सब को लीलता !